अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में क्या कमाल करेंगी कमला हैरिस?


अमूमन तो मैं अपने किसी भी लेख के लिए इतना बड़ा शीर्षक नहीं लिखता, लेकिन हम भारतीय, रिदम और तुकबंदी में अधीक विश्वास रखते हैं तो मैंने सोचा कि इसकी शुरुआत ऐसी ही करते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए करीब एक महीने का समय बाकी है. चुनाव में दो मज़बूत उम्मीदवार अपनी क़िस्मत अजमा रहें हैं. एक तरफ़ बचपन से ही आंदोलनकरी मिजाज की लोकतांत्रिक मूल्यों और महिलाओं के हक की आवाज उठाने प्रवासी नागरिकों की संतान और अश्वेत कमला हैरिस है, जो डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हैं. तो वही उनके विपक्ष में एक निहायती धूर्त, नफरती, अश्लील और हिंसात्मक सोच रखने वाला सनकी डोनाल्ड ट्रंप है जो रिप्लिबलिकन प्रत्याशी है. यह लिखते हुए मुझे थोड़ा अटपटा लग रहा था, क्योंकि अपनी सभी खूबियों के बावजूद ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं. लेकिन फिर मुझे लगा कि जब बोलने के मुंह में जबान मिली है और कीबोर्ड पर हाथ चलाने का हूनर होने का क्या फ़ायदा जब मैं अनैतिक को‌ अनैतिक ना कह पाऊं? तो मैंने ट्रंप पर इसी प्रकार के आरोपों के साथ आगे बढ़ने का फ़ैसला किया. ऐसा नहीं है की मैंने जो आरोप ट्रंप पर लगाएं वो सारे गलत है या झूठे हैं. इन सारे आरोपों को अमरीकी मीडिया और एजेंसियों द्वारा वेरिफाई होने के बाद ही मैंने लगाए हैं. 

खैर, अब बात असल मुद्दों की करते हैं. 5 नवंबर को मतदान होने से पहले दोनों के बीच जारी चुनावी जंग दिन ब दिन दिलचस्प होती जा रही है. चुनाव से करीब एक महीने पहले व्हाइट हाउस की जंग दिलचस्प हो गई है. भले ही राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है, लेकिन ताजा सर्वे में हैरिस निर्णायक बढ़त बनाती नजर आ रहीं हैं. Ipsos/Reuters के सर्वे में कमला हैरिस को ट्रंप के मुकाबले 6 प्वाइंट की बढ़त मिलती दिख रही है. 20 से 22 सितंबर के बीच हुए इस सर्वे में 785 संभावित वोटर्स ने हिस्सा लिया है. Ipsos/Reuters के सर्वे के मुताबिक कमला हैरिस को 50 फीसदी लोगों का समर्थन मिला है तो वहीं ट्रंप को 44 फीसदी समर्थन मिलता दिख रहा है. हालांकि CNN/SSRS के सर्वे में दोनों के बीच महज एक प्वाइंट का अंतर है. 21 जुलाई को जब कमला हैरिस व्हाइट हाउस की रेस में शामिल हुईं थीं तब ट्रंप 3 प्वाइंट की बढ़त बनाए हुए थे. लेकिन अबॉर्शन जैसे मुद्दों पर कमला हैरिस को महिलाओं का काफी समर्थन मिला जिसके बाद उनकी लीड बढ़ती जा रही है. 

21 जुलाई को जब जो बाइडेन ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए कमला हैरिस का नाम आगे किया था तब ट्रंप लगभग तमाम सर्वे में बढ़त बनाए हुए थे. लेकिन व्हाइट हाउस की रेस में शामिल होने के करीब 2 हफ्ते बाद ही कमला हैरिस ने ज्यादातर सर्वे में लीड बनानी शुरू कर दी थी जो अब तक कायम है. 

अमेरिकी चुनाव में अबॉर्शन, महंगाई, हेल्थकेयर, अर्थव्यवस्था और इमीग्रेशन जैसे कई अहम मुद्दे हैं जिनके आधार पर यह चुनाव लड़ा जा रहा है. इन मुद्दों पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला की राय उनके बहुत काम आ रही हैं जिससे वो अपनें प्रतिद्वंदी ट्रंप के ऊपर निर्णायक बढ़त हासिल कर पा रही हैं. अपनी इन्हीं विभाग रैलियों के कारण कमला ट्रंप से न सिर्फ सर्वे में आगे हैं बल्कि एक प्रत्याशी के तौर पर या यूं ही कहे की एक व्यक्ति के तौर पर भी बहुत अलग है. 

कमला हैरिस, ने न केवल अपने व्यक्तिगत अनुभवों के माध्यम से बल्कि अपनी राजनीतिक समझदारी के जरिए भी एक नई मिसाल पेश की है। उनके नेतृत्व में, अमेरिका को एक ऐसा दृष्टिकोण मिला है जो विविधता, समानता और न्याय की आवाज को प्रमुखता देता है। आज, जब हम ताजे रूझानों पर गौर करते हैं, तो यह स्पष्ट होता है कि कमला हैरिस की उम्मीदवारी केवल एक चुनावी अभियान नहीं है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक परिवर्तन का हिस्सा है। 


कमला हैरिस का चुनावी यात्रा इस बात का प्रतीक है कि अमेरिका का नेतृत्व अब केवल कुछ खास लोगों तक सीमित नहीं है। एक अश्वेत और दक्षिण एशियाई महिला के रूप में, हैरिस ने उन लाखों लोगों की आवाज़ उठाई है जिन्हें पहले कभी राजनीतिक मंच पर सही प्रतिनिधित्व नहीं मिला। उनके जैसे नेताओं की मौजूदगी से यह संदेश जाता है कि अमेरिका में सभी के लिए अवसर हैं। यह हमारे समाज में विविधता को स्वीकार करने और उसे सम्मान देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

हैरिस ने हमेशा न्याय और समानता के मुद्दों पर जोर दिया है। उन्होंने पुलिस सुधार, आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव, और महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाई है। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने उन नीतियों को लागू करने का प्रयास किया है जो समाज के कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा करती हैं। उनकी इस प्रतिबद्धता ने उन्हें एक विश्वसनीय नेता के रूप में स्थापित किया है, जो न केवल अपनी पार्टी के लिए, बल्कि सभी अमेरिकियों के लिए काम कर रही हैं।

कमला हैरिस का दृष्टिकोण सिर्फ घरेलू मुद्दों तक ही सीमित नहीं है। वे वैश्विक मामलों में भी एक प्रगतिशील विचारधारा को अपनाती हैं। जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य संकट और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मुद्दों पर उनकी सोच ने अमेरिका को एक मजबूत वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिका को वैश्विक समस्याओं का समाधान करने के लिए सहयोग और संवाद को प्राथमिकता देनी चाहिए।

कमला हैरिस की उम्मीदवारी युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। उनकी उपस्थिति ने युवा मतदाताओं को सक्रिय होने और अपने अधिकारों के लिए लड़ने की प्रेरणा दी है। वे न केवल एक नेता हैं, बल्कि एक रोल मॉडल भी हैं, जो यह दर्शाते हैं कि कड़ी मेहनत, दृढ़ता और ईमानदारी से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। उनकी कहानी से यह संदेश मिलता है कि हर कोई अपनी आवाज उठा सकता है और बदलाव ला सकता है।

कमला ने अपने करियर में कई ऐतिहासिक मील के पत्थर पार किए हैं। वह कैलिफोर्निया की पहली महिला अटॉर्नी जनरल और सीनेटर भी रही हैं. उनकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं, और उन्होंने हमेशा अपनी भारतीय संस्कृति को गर्व से अपनाया है. अगर वो चुनाव जीतती है तो संयुक्त राज्य अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति होगी. 

अपनी बढ़ती उम्र और पार्टी से बढ़ते दवाब के बीच जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी से अपने पैर पीछे किया तो उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के रूप में रनर मेट कमला हैरिस को चुना और कहा कि यह उनके अब तक के राजनीतिक जीवन का सबसे उम्दा फैसला था कि उन्होंने हैरिस को अपना रनर मेट चुना. लास्ट मिनट कैंडिडेट होने के बाद भी जिस तरीके से अमेरिका के सभी समुदायों ने सिर्फ़ राजनीतिक तौर पर बल्कि आर्थिक तौर पर जिस तरीक़े से उनका साथ दिया है वो अमेरिकी समाज में उनकी स्वीकारिता और सर्व समाजी सोच को दिखाता है. 

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अब करीब एक महीने का समय बाकी है ऐसे में सर्वे के आंकड़ों में नजर आने वाले अंतर से साफ है कि इस बार व्हाइट हाउस की लड़ाई किसी के लिए भी आसान नहीं होने वाली है. हालांकि प्रेसिडेंशियल डिबेट में जीत के बाद से कमला हैरिस के पक्ष में समर्थन और बढ़ता दिख रहा है लेकिन अभी नतीजों को लेकर कोई भी प्रिडिक्शन करना जल्दबाजी होगी. लेकिन मैं अमेरिकी मतदाताओं से एक बात कहना चाहूंगा कि कमला हैरिस की उम्मीदवारी केवल एक चुनावी लड़ाई नहीं है, बल्कि यह एक नई सोच, एक नई दृष्टि और एक नई दिशा का प्रतीक है. उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे और उनके नेतृत्व के गुण उन्हें एक प्रभावशाली नेता बनाते हैं. जब हम भविष्य की ओर देखते हैं, तो हमें उम्मीद है कि वे न केवल अमेरिका में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक सकारात्मक परिवर्तन लायेंगी. कमला हैरिस की उम्मीदवारी न केवल उनके लिए, बल्कि अमेरिका के लिए भी एक नई दिशा का संकेत देती है.

आज सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि क्या ट्रंप को दूसरा कार्यकाल मिलेगा या अमेरिका को पहली महिला राष्ट्रपति? 

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