वाराणसी : शिवपुर हो सकता है दिलचस्प मुकाबला
उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है जैसे-जैसे चुनाव का काफिला बढ़ रहा है मिजास में उतनी ही तपेश बढ़ रही है। सारे ही दल एक दूसरे को पटखनी देने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। ऐसे में कभी बीजेपी की सहयोगी रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) उसको उसके ही घर में घेरने की तैयारी कर रही है।इसके लिए पार्टी कार्यकर्ता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को इस बार शिवपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने का आग्रह कर रहे है।अगर कार्यकर्ताओं की बात मानकर ओपी राजभर शिवपुर आते हैं तो यहां की लड़ाई दिलचस्प हो सकती है। राजभर वोटों के लिए नए समीकरण बनेंगे।
क्या है सुभासपा का कहना
सुभासपा के प्रदेश प्रवक्ता शशी प्रताप सिंह के अनुसार हमारे नेता बनारसी से चुनाव लड़ेंगे तगड़ा संदेश जाएगा।यहां के कार्यकर्ताओं का उत्साह काफी ज्यादा बढ़ेगा।उन्होंने उम्मीद जताई कि सुभासपा अध्यक्ष अपने कार्यकर्ताओं की इच्छा का सम्मान करेंगे।
सपा के साथ है गठबंधन
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का गठबंधन इस बार समाजवादी पार्टी के साथ हुआ है। गठबंधन के तहत पार्टी को बनारस में 2 सीटें मिल सकती हैं जिसमें अजगरा (सुरक्षित) और शिवपुर शामिल है।
अभी भाजपा के अनिल राजभर है विधायक
2017 में सुभासपा भाजपा की सहयोगी थी और शिवपुर की सीट भाजपा के खाते में गई थी। तब भाजपा ने अनिल राजभर पर भरोसा जताते हुए उन को चुनाव मैदान में उतारा था। वह जीत करके ना सिर्फ विधायक बने बल्कि योगी सरकार में पहले राज्य मंत्री और फिर कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी पाया। 2019 में सुभासपा से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा अनिल राजभर को ओपी राजभर के मुकाबले खड़ा करने की कोशिश कर रही है।
दिलचस्प हो सकता है मुकाबला
इस बार भी भाजपा प्रत्याशी के तौर पर अनिल का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। वही बलिया जिले के रसड़ा विकासखंड के रामपुर गांव के निवासी ओमप्रकाश राजभर 2017 में गाजीपुर जिले की जहुराबाद विधानसभा से विधायक चुने गए थे और गठबंधन के तहत मंत्री भी बने थे। योगी सरकार में उन्हें पिछड़ा वर्ग या दिव्यांग सशक्तिकरण मंत्रालय का प्रभार दिया गया था। अगर ओपी राजभर यहां से चुनाव लड़ जाते हैं तो लोग मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।
दोनों में चलते हैं खूब सियासी तीर
दोनों एक दूसरे पर जमकर सियासी तीर छोड़ते हैं। अनिल राजभर जहां एक तरफ ओपी राजभर पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए उन्हें ढोंगी बताते हैं वही ओपी राजभर भी अनिल को भाजपा नेतृत्व द्वारा घुमाया जा रहा एक कठपुतली तक बता गए हैं। यहां तक की ओपी राजभर का दावा करते हैं कि 2017 में अनिल उन्हीं की वजह से जीते हैं और उनके ही कारण राजभर समाज का वोट अनिल को मिला।
सामाजिक ताना-बाना
शिवपुर विधानसभा सीट की गिनती यादव बाहुल्य सीट के रूप में होती है।दलित, पटेल, राजभर और मुसलमान वोटर भी यहां अच्छी तादाद में हैं।इस विधानसभा क्षेत्र में तकरीबन साढ़े तीन लाख मतदाता हैं।बुनकर बाहुल्य लोहता भी इसी विधानसभा सीट के तहत आता है।
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